Wednesday, February 26, 2014

वोह अल्फ़ाज़ ही क्या

वोह अल्फ़ाज़ ही क्या, जो समझानें पडे

हमने मुहब्बत की है, कोई वकालत नहीं ....!!

Thursday, February 20, 2014

कुछ इस तरह से आओ..

कुछ इस तरह से आओ मेरे हाथों की लकीरों में, 

मुझे ऐसा लगे कि मेरी तकदीर बदलने वाली है..!!