Sunday, November 19, 2017

ग़म

ग़म तो जनाब फ़ुरसत का शौक़ है,

ख़ुशी में वक्त ही कहाँ मिलता है।

चुभते है

टूटे तो, बड़े चुभते है;
क्या काँच,क्या रिश्ते...!!!!

Wednesday, November 1, 2017

झूठ

वो पैरवी तो झूठ की करता चला गया,
लेकिन उसका चेहरा उतरता चला गया।

- वसीम बरेलवी