हर एक लहजा ये ही आरज़ू ये ही हसरत ,
जो आग़ दिल में है वो शायरी में भी ढ़ल जाये ....
अज़ीज़ इतना ही रक्खो के जी संभल जाये,
अब इस क़दर भी न चाहो कि द़म निकल जाये ....
Quotes collection from everywhere, inform me of the author, I will give due credit
Tuesday, September 30, 2014
कि द़म निकल जाये
Saturday, September 27, 2014
Friday, September 26, 2014
तुझे अपना सोचकर
तू मिले या न मिले ये मेरे मुक़द्दर की बात है ,
सुकून बहुत मिलता है तुझे अपना सोचकर...!!
Tuesday, September 23, 2014
Monday, September 22, 2014
दर्द की कोई इन्तहा
बहुत जुदा है औरो से मेरे दर्द की कहानी..
जख्म का कोई निशान नहीं और दर्द की कोई इन्तहा नहीं....
Saturday, September 20, 2014
Friday, September 19, 2014
“इश्क” मुकम्मल
फ़रिश्ते ही होंगे जिनका हुआ “इश्क” मुकम्मल,
इंसानों को तो हमने सिर्फ बर्बाद होते देखा है….!!
Tuesday, September 16, 2014
"वक्त"
एक वोह "वक्त " था जब हम सोचते थे कि हमारा
भी "वक्त " आएगा ...
और
एक यह भी "वक्त" है क़ि हम सोचते है कि वोह भी
क्या "वक्त" था..
Monday, September 15, 2014
Sunday, September 14, 2014
Thursday, September 11, 2014
खामोश रिश्ते
जब हो थोड़ी फुरसत, तो अपने मन की बात हमसे कह लेना,
बहुत खामोश रिश्ते.... कभी जिंदा नहीं रहते..
Wednesday, September 10, 2014
Monday, September 8, 2014
बर्बाद करने के रास्ते
बर्बाद करने के और भी रास्ते थे फ़राज़
न जाने उन्हें मुहब्बत का ही ख्याल क्यूं आया
Thursday, September 4, 2014
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