Friday, July 20, 2018

बारिश

हुनर क्या ग़ज़ब का था उसकी  बातों में,

उसने काग़ज़ पर बारिश लिखा
और हम यहाँ भीग गए...

Monday, July 16, 2018

भीगना

तेरा बरसना... होगा अचानक.... !!

मेरा भीगना कब से तय था....!!

Wednesday, July 11, 2018

क़ातिल

जान जब प्यारी थी,
तब दुश्मन हज़ारों थे..
अब मरने का शौक है तो क़ातिल नहीं मिलते.

Monday, July 9, 2018

चुभते हैं

टूटे तो बड़े चुभते हैं,

क्या काँच, क्या ख़्वाब, क्या रिश्ते..।

Friday, July 6, 2018

ज़िन्दगी

कोई सुलह करा दे ज़िन्दगी की उलझनों से,
बड़ी तलब लगी है आज मुस्कुराने की..