Sunday, April 30, 2017

दिल

गज़ब की धूप है शहर में फिर भी पता नहीं,

लोगों के दिल यहाँ पिघलते क्यों नहीं...!!!

वक़्त

कितने चालाक है
कुछ मेरे अपने भी..

तोहफे में घड़ी तो दी
मगर कभी वक़्त नही दिया..!!