Quotes collection from everywhere, inform me of the author, I will give due credit
Tuesday, December 22, 2015
Saturday, December 19, 2015
Wednesday, December 16, 2015
Saturday, December 12, 2015
Monday, November 30, 2015
Wednesday, November 18, 2015
अदालत ईश्क
अदालत ईश्क की होगी, मुकदमा मोहब्बत पे चलेगा, गवाही मेरा दिल देगा और मुजरिम तेरा प्यार होगा..!!
Monday, November 9, 2015
Friday, October 30, 2015
Wednesday, October 28, 2015
Friday, October 16, 2015
हमसा तुमसा
नामुमकिन सही लेकिन
तुम्हे भी कोई हमसा मिल जाये
बड़ा मुश्किल सा लगता है..
Wednesday, October 14, 2015
तासीर
तासीर इतनी ही काफी है कि तू मेरा दोस्त है..!!
क्या ख़ास है तुझमे, ऐसा मैंने कभी सोचा ही नही....!!
Tuesday, October 13, 2015
Monday, October 12, 2015
Sunday, October 4, 2015
Friday, September 25, 2015
While pain is inevitable not the suffering
झगड़ा ख़्वाहिशों का
ना तो किसी को गम चाहिए और ना ही किसी को कम चाहिए...!
Thursday, September 24, 2015
रो देते.
आजकल तो रोने के लिए जगह ढूंढनी पड़ती है
Wednesday, September 23, 2015
निगाहो में डूब कर..
सौ बार मरना चाहा मैंने निगाहो में उसकी डूब कर,
मगर
वो निगाहें झुका लेते हैं पर मुझे मरने नहीं देते.
Tuesday, September 22, 2015
Beautiful definition of TRUST:
"Giving someone the authority to destroy U completely,
But
Having the confidence that he would never do it....".
Sunday, September 20, 2015
बच्चा हो जाऊँ
मेरी ख़्वाहिश है कि मैं फिर से फ़रिश्ता हो जाऊँ
माँ से इस तरह लिपट जाऊँ कि बच्चा हो जाऊँ
रौशनी देती हुई सब लालटेनें बुझ गईं
ख़त नहीं आया जो बेटों का तो माएँ बुझ गईं
कई बातें मुहब्बत सबको बुनियादी बताती है
जो परदादी बताती थी वही दादी बताती है
किसी को घर मिला हिस्से में या कोई दुकाँ आई
मैं घर में सब से छोटा था मेरे हिस्से में माँ आई
ऐ अँधेरे! देख ले मुँह तेरा काला हो गया
माँ ने आँखें खोल दीं घर में उजाला हो गया
इस तरह मेरे गुनाहों को वो धो देती है
माँ बहुत ग़ुस्से में होती है तो रो देती है
मेरी ख़्वाहिश है कि मैं फिर से फ़रिश्ता हो जाऊँ
माँ से इस तरह लिपट जाऊँ कि बच्चा हो जाऊँ
Sunday, September 13, 2015
तेरे अपने ही बहुत हैं
कि तेरे अपने ही बहुत हैं तुझे रुलाने के लिए..
Thursday, September 10, 2015
Discussion
Discussion is an Exchange of Thoughts & Knowledge, Promote It.
Argument is an Exchange of Ego & Ignorance, Avoid It
Sunday, September 6, 2015
Saturday, September 5, 2015
Saturday, August 29, 2015
Thursday, August 27, 2015
अजीब दस्तूर
अच्छी यादें पेनड्राइव में
और...
बुरी यादें दिल में रखते हैं...।।
विभिन्न कवियों से अगर इस पर लिखने को कहा जाता तो वो कैसे लिखते
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विभिन्न कवियों से अगर इस पर लिखने को कहा जाता तो वो कैसे लिखते
🌷मैथिली शरण गुप्त 🌷
अट्टालिका पर एक रमिणी अनमनी सी है अहो
किस वेदना के भार से संतप्त हो देवी कहो?
धीरज धरो संसार में, किसके नही है दुर्दिन फिरे
हे राम! रक्षा कीजिए, अबला न भूतल पर गिरे।
🌷काका हाथरसी🌷
गोरी बैठी छत पर, कूदन को तैयार
नीचे पक्का फर्श है, भली करे करतार
भली करे करतार,न दे दे कोई धक्का
ऊपर मोटी नार, नीचे पतरे कक्का
कह काका कविराय, अरी मत आगे बढना
उधर कूदना मेरे ऊपर मत गिर पडना।
🌷श्याम नारायण पांडे 🌷
ओ घमंड मंडिनी, अखंड खंड मंडिनी
वीरता विमंडिनी, प्रचंड चंड चंडिनी
सिंहनी की ठान से, आन बान शान से
मान से, गुमान से, तुम गिरो मकान से
तुम डगर डगर गिरो, तुम नगर नगर गिरो
तुम गिरो अगर गिरो, शत्रु पर मगर गिरो।
🌷गोपाल दास नीरज🌷
हो न उदास रूपसी, तू मुस्काती जा
मौत में भी जिन्दगी के कुछ फूल खिलाती जा
जाना तो हर एक को है, एक दिन जहान से
जाते जाते मेरा, एक गीत गुनगुनाती जा..!
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Three more ...... 👇
सुमित्रा नंदन पन्त
स्वर्ण-सौंध के रजत शिखर पर,
चिर नूतन, चिर सुन्दर प्रतिपल,
उन्मन उन्मन, अपलक नीरव,
शशि-मुख पर कोमल कुंतल-पथ,
कसमस-कसमस चिर यौवन घात,
पल पल प्रतिपल,
चल चल करती निर्मल दृग जल,
ज्यों निर्झर के दो नीलकमल,
यह रूप चपल ज्यों धुप धवल,
अतिमौन कौन,
रूपसी बोलो,
प्रिये बोलो ना.
गोपाल प्रसाद व्यास
छत पर उदास क्यूँ बैठी है,
तू मेरे पास चली आ री,
जीवन का सुख-दुःख कट जाए,
कुछ मैं गाऊं, कुछ तू गा री,
तू जहाँ कहीं भी जाएगी,
जीवन भर कष्ट उठाएगी,
यारों के साथ रहेगी तो,
मथुरा के पेड़े खाएगी.
रामधारी सिंह दिनकर
दग्ध ह्रदय में धधक रही,
उत्पात प्रेम की ज्वाला,
हिमगिरी के उत्स निचोड़,
फोड़ पाताल, बनो विकराला,
ले ध्वन्सो के निर्माण त्रान से,
गोद भरो पृथ्वी की,
छत पर से मत गिरो,
गिरो अम्बर से वज्र सरीखी.
Wednesday, August 26, 2015
कहानी मोहब्बत की
मौसम की तरह तुम बदल गए, फसल की तरह मैं बरबाद हो गया....!
Monday, August 24, 2015
हुनर पे नाज़
बड़ी बारीकी से तोडा है, उसने दिल का हर कोना...!!
सच कहुँ तो मुझे, उस के हुनर पे नाज़ होता है....!!
बेवज़ह छोड़ जाना
आओ फिर से दोहराएं अपनी कहानी,
मैं तुम्हे बेपनाह चाहूँगा और तुम मुझे बेवज़ह छोड़ जाना ।।
Sunday, August 23, 2015
दुश्मनी अँधेरे से
दुश्मनी तो सिर्फ़ अँधेरे से है मेरी,
हवा तो बेवजह ही मेरे खिलाफ़ है....
Friday, August 21, 2015
अजीब तमाशा
बेवफ़ाई करो तो रोते है और वफ़ा करो तो रुलाते है
Thursday, August 20, 2015
Wednesday, August 19, 2015
रूह में समा जाने का हुनर
मेरी रूह में समा जाने का हुनर उसका अपना था...
दर्द की शिद्दत
दर्द तो दर्द होता हैं, थोड़ा क्या, ज्यादा क्या !!
Tuesday, August 18, 2015
Monday, August 17, 2015
Wednesday, August 12, 2015
Tuesday, August 11, 2015
मौसम की तरह तुम बदल गए
मौसम की तरह तुम बदल गए...
फसल की तरह मैं बरबाद हो गया!!
Monday, August 10, 2015
तलब मौत की..
तलब मौत की करना गुनाह है...ज़माने में यारो…
मरने का शौक है तो मुहब्बत क्यों नहीं करते...!
Saturday, August 8, 2015
रेत की तरह निकल जाते है
Friday, August 7, 2015
फिर से लिखने का..
बारिश में रख दो,
इस जिंदगी के पन्नों को.,
ताकि धुल जाए स्याही....,
ज़िन्दगी फिर से लिखने का,
मन करता है कभी- कभी.!!
शक है तुझ पर.
लेने दे मुझे तू अपने ख़्वाबों की थोडी तलाशी,
मेरी नींद चोरी हो गयी है, मुझे शक है तुझ पर...!
Sunday, August 2, 2015
इस्तेमाल किया
और हम समझते रहे लोग हमें पसंद करते हैं...!!
Saturday, August 1, 2015
भटकने का चलन
खत्म हो गया अब उन गलियों में भटकने का चलन,
तेरे प्रोफाइल में घूम आता हूँ, जब तू याद आती है.......!
Thursday, July 23, 2015
ख्वाहिशें सूखती रही
नसीब की बारिश कुछ इस तरह होती रही मुझ पर ,
ख्वाहिशें सूखती रही और पलकें भीगती रही.... !!
Tuesday, July 21, 2015
Monday, July 20, 2015
Sunday, July 19, 2015
अपने का दामन
जरा सी रंजिश पर,
ना छोड़ किसी अपने का दामन |
जिंदगी बीत जाती है,
अपनों को अपना बनाने में !!
Thursday, July 16, 2015
Monday, July 13, 2015
कौन कितने पानी मे है...!!
ये और बात है की किनारे पे खडा हूँ लेकिन...!
ये भी जानता हूँ कि कौन कितने पानी में है...!!
Saturday, July 11, 2015
Tuesday, July 7, 2015
थोड़ा और सब्र होता..
बस यही दो मसले, जिंदगीभर ना हल हुए!!!
ना नींद पूरी ना ख्वाब मुकम्मल हुए!!!
वक़्त ने कहा.....काश थोड़ा और सब्र होता!!!
सब्र ने कहा....काश थोड़ा और वक़्त होता!!!
सुबह सुबह उठना पड़ता है कमाने के लिए साहेब...।। आराम कमाने निकलता हूँ आराम छोड़कर।।
"हुनर" सड़कों पर तमाशा करता है और "किस्मत" महलों में राज करती है!!
"शिकायते तो बहुत है तुझसे ऐ जिन्दगी,
पर चुप इसलिये हु कि, जो दिया तूने,
वो भी बहुतो को नसीब नहीं होता"
मुफ़्त में दर्द
किसी ने हमसे पूछा की दर्द की कीमत क्या हे,
हमने हंस कर कहा पता नहीं कुछ अपने है जो मुफ़्त में दे जाते...
Sunday, July 5, 2015
अक्सर दिल टूट जाते है.
लहजा बदल कर बोलने से भी अक्सर दिल टूट जाते है....
Monday, June 29, 2015
Sunday, June 21, 2015
Sunday, June 14, 2015
शिकायतें
वो रूठ के बोली...
"तुम्हें सब शिकायतें मुझ ही से हैं,"
हम ने सर झुका के कह दिया..,
"मुझे सब उम्मीदें भी तो तुझ ही से हैं"..!!
झूठ
इस दुनियाँ के हर शख्स को नफरत है "झूठ" से...
मैं परेशान हूँ ये सोचकर, कि फिर ये "झूठ" बोलता कौन है?
Monday, June 8, 2015
सच की तलाश में
चलो सो जाते हैं फ़िर किसी सच की तलाशमें....
सुबह फ़िर इस झूठी दुनिया का दीदार करना है....
Saturday, June 6, 2015
मोहब्बत
मत पूछो कितनी मोहब्बत है मुझे उनसे,
बारिश की बूँद भी अगर उन्हें छू ले, तो दिल में आग लग जाती है...!
घायल करने का इरादा
तुम घायल करने का इरादा रखो अगर,
कौन कमबख्त ठीक होने की ख्वाहिश रखेगा भला........!
Thursday, June 4, 2015
'उम्र' और 'ज़िन्दगी'
'उम्र' और 'ज़िन्दगी' में फर्क बस इतना...
जो तेरे बिन बीती, वो 'उम्र'....
जो तेरे साथ बीती, वो 'ज़िन्दगी'....
Tuesday, June 2, 2015
Monday, June 1, 2015
दो मसले
बस यही दो मसले,
ज़िन्दगी भर ना हल हुए।
ना नींद पूरी हुई,
ना ख्वाब मुकम्मल हुए।
वक़्त ने कहा,
काश थोड़ा और सब्र होता।
सब्र ने कहा,
काश थोड़ा और वक़्त होता।
Sunday, May 31, 2015
दरवाजे पर दस्तक
जरा देखो तो ये
दरवाजे पर दस्तक किसने दी है..!!
अगर इश्क हो तो कहना
अब दिल यहाँ नही रहता..!!
Thursday, May 28, 2015
भरी दुपहरी
बचपन में भरी दुपहरी
नाप आते थे पूरा महोल्ला,
जब से डिग्रियाँ समझ में आई,
पाँव जलने लगे....
Tuesday, May 26, 2015
Monday, May 25, 2015
Saturday, May 23, 2015
ख़त कमीज में
एक ख़त कमीज में उनके नाम का क्या रखा...!!!
करीब से गुजरा हर शख्स पूछता है,
कौन सा इत्र है जनाब...!!!
Thursday, May 21, 2015
दर्द किश्तों में
जो दर्द तुम किश्तों-किश्तों में दे रहे हो;
वोह आलम क्या होगा.. जब हम ब्याज़ सहित अदा करेंगे।
Sunday, May 17, 2015
Work doesn't kill
"Work does not kill a man, it is worry, irregularity and uncertainty that kill." - Visvesvaray
Saturday, May 16, 2015
Ask for it
“I have tried raising money by asking for it, and by not asking for it. I always got more by asking for it.” ~ Millard Fuller
Friday, May 15, 2015
तन्हा जरूर हूँ..
अगर फुर्सत के लम्हों में मुझे याद करते हो तो अब मत करना ....
क्योंकि मैं तन्हा जरूर हूँ लेकिन फिजूल बिल्कुल नही।
Sunday, May 3, 2015
दर्द मांगे थे.
आज उसने हमें एक और दर्द दिया तो हमें याद आया कि,
दुआओं में हमने ही तो उसके सारे दर्द मांगे थे..!!
Wednesday, April 29, 2015
Friday, April 24, 2015
Thursday, April 23, 2015
Wednesday, April 15, 2015
Tuesday, April 14, 2015
ख्वाहिशों को जेब में
ख्वाहिशों को जेब में रखकर निकला कीजिये,
जनाब; खर्चा बहुत होता है, मंजिलों को पाने में!
Thursday, April 9, 2015
Praise
Praise a Person as much as you Like, But limit your words while Criticising,
Because..Criticism is one loan that Everyone is dying to Return with Huge Interest....
Wednesday, April 1, 2015
Monday, March 30, 2015
Saturday, March 28, 2015
फासले
Wednesday, March 25, 2015
Sunday, March 15, 2015
Monday, March 9, 2015
Thursday, March 5, 2015
मीरा दिवानी बने...
आओ ले चलें इश्क को वहाँ तक,जहाँ फिर से कोई कहानी बने,
जहाँ फिर कोई गालिब नज्म़ पढे ,फिर कोई मीरा दिवानी बने...
Wednesday, March 4, 2015
Saturday, February 21, 2015
Too much thinking
Think too much and you will create a problem that was not there in the first place.
Saturday, February 14, 2015
Opinions are like watches
Thursday, February 12, 2015
एक बूँद इश्क
और हकीम भी कह रहा है कि एक बूँद भी इश्क की अब जानलेवा है !
Tuesday, February 10, 2015
Monday, February 9, 2015
Sunday, February 8, 2015
चाँद से दिन
मत किया करिये दिन के उजालों की ख्वाहिशें ऐ हजूर,
ये आशिक़ों की बस्तियाँ हैं यहाँ चाँद से दिन निकलता हैं..!!!
Thursday, February 5, 2015
Sunday, February 1, 2015
Expectations
We can save many relations if we understand a simple fact that...... People's are not wrong....they are just different from our Expectations !!
मरती है रोज ख्वाइशें
सोचता हूँ एक शमशान बना लूँ दिल के अंदर,...
मरती है रोज ख्वाइशें एक एक करके.......
Tuesday, January 27, 2015
Thursday, January 22, 2015
Wednesday, January 21, 2015
Thursday, January 8, 2015
Tuesday, January 6, 2015
नजरों से गिरा देते हैं
हम अपने दुश्मन को भी..
बहोत मासूम सज़ा देते हैं|
नहीं उठाते उस पर हाथ..
बस.. नजरों से गिरा देते हैं |
किसी की चाहत मारेगी…
हाथ की लकीरें पढने वाले ने तो….
मेरे होश ही उड़ा दिये..!
मेरा हाथ देख कर बोला…
“तुझे मौत नहीं किसी की चाहत मारेगी…