Thursday, April 24, 2014

भूल जाना

भूल जाना जिसे आजतक ,नामुमकिन समझे बैठे थे हम 

वो शख्स आज मिला भी तो ,हमें पहचाना ही नहीं उस ने

मधु गजाधर

Wednesday, April 16, 2014

आज वो काबिल हुए

आज वो काबिल हुए,
जो कभी काबिल ना थे...

और
मंज़िलें उनको मिली,
जो दौड़ में शामिल ना थे...!!!
अमीर तो हम भी थे दोस्तों,
बस दौलत सिर्फ दिल की थी...
खर्च तो बहुत किया,
पर गिनती सिर्फ सिक्कों की हुई..

Tuesday, April 15, 2014

ये जो मेरे क़ब्र पे रोते है.......

ये जो मेरे क़ब्र पे रोते है.......

अभी उठ जाऊँ ..तो जीने ना दे.............,

बहुत महंगी पड़ेगी तुझे दुश्मनी मेरी

हमारा दुश्मन हमसे बोला
"बहुत महंगी पड़ेगी तुझे दुश्मनी मेरी"
हमने उसको उत्तर ये दिया कि
"सस्ती चीज हम कभी खरीदते ही नहीं"

मेरे लफ्जों को समझो

ख्वाहिश बस इतनी सी है की तुम मेरे लफ्जों को समझो,
आरजू ये नहीं की लोग वाह वाह करे..

किश्तो में ख़ुदकुशी का मज़ा

एक पल में एक सदी का मज़ा हमसे पूछिए ...
दो दिन की ज़िन्दगी का मज़ा हमसे पूछिए...
भूले है रफ़्ता-रफ़्ता उन्हे मुद्दतो में हम...
किश्तो में ख़ुदकुशी का मज़ा हमसे पूछिए