Tuesday, March 29, 2016

मेरे लफ्ज

मेरे लफ्जों को इतनी शिद्दत से ना पढ़ा करो,
कुछ याद रह गया तो हमे भूल नहीं पाओगे ..

Friday, March 25, 2016

शौहरत

तेरे इश्क से मिली है मेरे वजूद को ये शौहरत,
मेरा ज़िक्र ही कहाँ था तेरी दास्ताँ से पहले।

Monday, March 14, 2016

आइना

"यहाँ हर कोई रखता है खबर गैरो के गुनाहों की...
अजब फितरत हैं ,, कोई आइना नही रखता....!"

खुश करने में

जिंदगी गुजर गयी सबको खुश करने में,
जो खुश हुए वो अपने नहीं थे,
जो अपने थे वो कभी खुश नहीं हुए..