Tuesday, January 27, 2015

तलाश....

दुनिया तेरे वजूद की करती रही तलाश....
हमने तेरे ख़याल को दुनिया बना लिया...

Thursday, January 22, 2015

ख्वाइश

ख्वाइश बस इतनी सी है की तुम मेरे लफ़्ज़ों को समझो,
आरज़ू ये नही की लोग वाह वाह करें...

मजबूरियां

मजबूरियां ओढ़ के निकालता हूँ घर से ; वर्ना शौक तो अब भी है बारिशों में भीगने का !!

Wednesday, January 21, 2015

तलाश

कहाँ तलाश करोगे तुम मुझ जैसे एक शख्स को,
जो तुम्हारे सितम भी सहे और तुम से मोहब्बत भी करे. .....

तरक्की

गाँव में छोड़ आये जो हज़ार गज़ की बुजुर्गों कि हवेली,
वो शहर में सौ गज़ में रहने को खुद की तरक्की कहते हैं!

Thursday, January 8, 2015

लोग बदल गए है...!!!

किसी की तलाश में मत निकलो
लोग खोये नहीं बदल गए है...!!!

तेरा ख़याल

हर रोज़...
हर वक़्त...
तेरा ही ख़याल रहता है
.
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.
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न जाने कौनसे क़र्ज़ की EMI है तू

Tuesday, January 6, 2015

नजरों से गिरा देते हैं

हम अपने दुश्मन को भी..
बहोत मासूम सज़ा देते हैं|

नहीं उठाते उस पर हाथ..
बस..  नजरों से गिरा देते हैं |

किसी की चाहत मारेगी…

हाथ की लकीरें पढने वाले ने तो….
मेरे होश ही उड़ा दिये..!
मेरा हाथ देख कर बोला…
“तुझे मौत नहीं किसी की चाहत मारेगी…

Friday, January 2, 2015

अपने बारे में...

मेरा खुद से मिलने को जी चाहता हैं...

काफी कुछ सुना हे मैंने अपने बारे में...