अपनी इन नशीली निगाहों को जरा झुका दिजिए जनाब,
मेरे मजहब में नशा हराम है..
Quotes collection from everywhere, inform me of the author, I will give due credit
Thursday, July 31, 2014
Wednesday, July 30, 2014
उनकी चालाकियां
उन्हे लगता है उनकी चालाकियां नजर नहीं आती हमें,
हम खामोशी से देखते है उन्हें अपनी नजरों से गीरते हुए...
Tuesday, July 29, 2014
अरमान बारिश की बूंदों से
कुछ अरमान उन बारिश की बूँद की तरह होते है,
जिनको छुने की ख्वाहिश में,
हथेलिया तो गिली होजाती,
पर हाथ हमेशा खाली रह जाते है....
अकेले रहने का सुकूं
अकेले रहने का भी एक अलग सुकून है,
ना किसी के वापस आने की उम्मीद,
ना किसी के छोड कर जाने का डर..!!
Saturday, July 26, 2014
एक जिन्दगी है गुजारनी
Friday, July 25, 2014
Thursday, July 24, 2014
चर्चे मेरी हार के
शहर में तेरी जीत से ज़्यादा चर्चे तो मेरी हार के है.
बारीकि से तोड़ा है
मुझे तो सच कहु उसके हुनर पर नाज होता है..
पैसा कमा कर
ना कब्र मे अलमारी.. और ये मौत के फ़रिश्ते तो रिश्वत भी नही लेते..!
मंजिल भी मिलेगी
प्यासे के पास चलकर समंदर भी आयेगा;
थक करना बैठ ए मंजिल के मुसाफ़िर;
मंजिल भी मिलेगी और जीने का मजा भी आयेगा।
Saturday, July 19, 2014
ये प्यास
गिरा दे जितना पानी है, तेरे पास ऐ बादल..
ये प्यास किसी के मिलने से बुझेगी, तेरे बरसने से नही..!!
Friday, July 18, 2014
Tuesday, July 15, 2014
जिन्हें गुस्सा आता है
जिन्हें गुस्सा आता है वो लोग सच्चे होते हैं ,
मैंने झूठों को अक्सर मुस्कुराते हुए देखा है …… !!!
Monday, July 14, 2014
सुकून-ए-ज़िंदगी खरीद ली !
रुई का गद्दा बेच कर,
मैंने इक दरी खरीद ली।
ख्वाहिशों को कुछ कम किया मैंने,
और ख़ुशी खरीद ली ।
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सबने ख़रीदा सोना,
मैने इक सुई खरीद ली,
सपनो को बुनने जितनी,
डोरी ख़रीद ली ।
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मेरी एक खवाहिश मुझसे,
मेरे दोस्त ने खरीद ली,
फिर उसकी हंसी से मैंने
अपनी कुछ और ख़ुशी खरीद ली ।
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इस ज़माने से सौदा कर,
एक ज़िन्दगी खरीद ली,
दिनों को बेचा और,
शामें खरीद ली।
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शौक-ए-ज़िन्दगी कमतर से,
और कुछ कम किये,
फ़िर सस्ते में ही,
सुकून-ए-ज़िंदगी खरीद ली !
Sunday, July 13, 2014
हार के चर्चे
इतना भी गुमां न कर अपनी जीत पर ए बेखबर,
शहर में तेरी जीत से ज्यादा चर्चे तो मेरी हार के है।।
Wednesday, July 9, 2014
जीने का मजा
रख हौंसला वो मंज़र भी आयेगा;
प्यासे के पास चलकर समंदर भी आयेगा;
थक कर ना बैठ अए मंजिल के मुसाफ़िर;
मंजिल भी मिलेगी और जीने का मजा भी आयेगा।
मेरे सारे गुनाह
याद है मुझे मेरे सारे गुनाह,
एक मोहब्बत कर ली,
दूसरा तुमसे कर ली,
तीसरा बेपनह कर ली।
Tuesday, July 8, 2014
Saturday, July 5, 2014
Friday, July 4, 2014
मज़ा भी आएगा
रख हौंसला वो मंज़र भी आएगा;
प्यासे के पास चल के समंदर भी आएगा;
थक कर न बैठ मंज़िल के मुसाफिर;
मंज़िल भी मिलेगी और मिलने का मज़ा भी आएगा।
क़ातिल नहीं मिलते.
'जान जब प्यारी थी, तब दुश्मन हज़ारों थे..
अब मरने का शौक है, तो क़ातिल नहीं मिलते..
Broken hearts
Thursday, July 3, 2014
बचपन की अमीरी
बचपन की वोह अमीरी न जाने कहाँ खो गई
वरना बारिश के पानी में हमारे कई जहाज चला करते थे ।
सब किरायेदार हैं घर बदलते
ये दबदबा, ये हुकूमत, ये नशा, ये दौलतें...
सब किरायेदार हैं घर बदलते रहते हैं !!