Thursday, December 25, 2014

सो जाना, आसान नहीं

नींद भी नीलाम हो जाती है बाज़ार -ए- इश्क में,

किसी को भूल कर सो जाना, आसान नहीं होता !

Wednesday, December 24, 2014

जो मिल ना सके

तुझे पा ना सके फिर भी सारी जिन्दगीं तुझे प्यार करेगे
ये जरूरी तो नही जो मिल ना सके उसे छोड दिया जाये....

Tuesday, December 23, 2014

अंजाम-ए-आशिकी

भूले है रफ़्ता-रफ़्ता उन्हे मुद्दतो में हम
किश्तो में ख़ुदकुशी का मज़ा हमसे पूछिए

आग़ाज़-ए-आशिकी का मज़ा आप जानिए
अंजाम-ए-आशिकी का मज़ा हमसे पूछिए

दिल में भीड़

बहुत बहुत भीड़ हो गयी है तेरे दिल में,
अच्छा हुआ हम वक़्त परनिकल गए..

Wednesday, December 17, 2014

धोखा

इस कदर भूखा हूँ साहब,
कभी कभी धोखा भी खा लेता हूँ!

Saturday, December 13, 2014

Ms. Right

I married Ms. Right.  I didn't know her first name was "Always".

Friday, December 12, 2014

गर दिल न देते तो

उस शख्स में बात ही कुछ ऐसी थी,

हम अगर दिल न देते तो जान चली जाती..

वो ख़त

वो एक ख़त जो तूने कभी लिखा ही नहीं,
मैं रोज़ बैठ के उसका ज़वाब लिखता हूँ...

Thursday, December 11, 2014

गुनाहगार

जब सब
तेरी मर्ज़ी से होता है

तो ऐ खुदा
ये बन्दा गुनाहगार कैसे हो गया

औरों को खुश करने में ...।।।

आज आईने के सामने खड़े होकरखुद से माफ़ी मांग ली मैंने ...।।
सबसे ज़्यादा खुद का ही दिल दुखाया है औरों को खुश करने में ...।।।

Wednesday, December 10, 2014

मुहब्बत हो जायेगी..

मुझसे अगर दुश्मनी भी करनी हो तो इरादे मजबूत रखना,
जरा सी भी चूक हो गयी तो मुहब्बत हो जायेगी..

Sunday, December 7, 2014

छूट ही जाता है...

सब कुछ हासिल नहीं होता ज़िन्दगी में यहाँ,

किसी का "काश" तो किसी का "अगर" छूट ही जाता है...!!!

Saturday, December 6, 2014

शहरों की रोशनी

बड़ी अजीब सी है शहरों की रोशनी,
उजालों के बावजूद, चेहरे पहचानना मुश्किल है..

Wednesday, November 26, 2014

यादों का जहर

बड़ा अजीब सा जहर था उसकी यादों का,
सारी उम्र गुजर गयी मरते - मरते

दिल में जगह

दूरियों का गम नहीं,
गर फासले दिल में न हों,

नज़दीकियां बेकार हैं,
गर दिल में जगह न हो...!

Tuesday, November 25, 2014

Perfect person

"Don't Lose a True Person In Search of a Perfect Person"

Because Perfection is A Fantasy,
But Truth is always A Reality...

Maturing

Maturing is realizing how many things don't require your comment.
Gm

नींदे गिरवी हैं..

तमाम नींदे गिरवी हैं उस के पास....!!
ज़रा सी मुहब्बत ली थी जिससे..

आखरी पन्ना

मैं उस किताब का आखरी पन्ना था..
मैं न होता तो कहानी ख़त्म न होती...

Saturday, November 22, 2014

समझ नहीं आये..

उर्दू की किताब थे तुम.…
पसंद तो आये,
पर समझ में नहीं आये..

कौन सा इत्र है जनाब।

उनके नाम का एक ख़त
कमीज़ की जेब में रख कर चले
जो क़रीब से गुज़रा पूछता है
ये कौन सा इत्र है जनाब।

Tuesday, November 18, 2014

इश्क का इतवार

अपनी यादों से कहो,
इक दिन की छुट्टी दें मुझे,

इश्क के हिस्से में भी,
इतवार होना चाहिये !

ज़िन्दगी गुज़र जाए

आओ कभी यूँ भी मेरे पास,
कि आने में लम्हा और,
जाने में ज़िन्दगी गुज़र जाए |

Monday, November 17, 2014

लफ्ज़ लफ्ज़ तू याद हैं

शिकायत क्या करू,
ये किस्मत की बात हैं..

आज तेरी सोच में भी मैं नहीं,
आैर मुझे लफ्ज़ लफ्ज़ तू याद हैं..

Thursday, November 13, 2014

कुछ पल थे....

उसके लिए वो ज़िंदगी के कुछ पल थे.....

मेरे लिए वो कुछ पल ही ज़िंदगी थे....

Thursday, November 6, 2014

तीर कितने थे

अपने लफ़्ज़ों पर ग़ौर कर के बता ..

लफ्ज़ कितने थे, तीर कितने थे !!

ज़िन्दगी

इत्तेफाकन मिल जाते हो जब तुम राह में कभी;
यूँ लगता है करीब से ज़िन्दगी जा रही हो जैसे!!

Wednesday, November 5, 2014

कमबख्त मोहब्बत

हाल तो पुंछ लू तेरा पर डरता हूँ आवाज़ से तेरी..

ज़ब ज़ब सुनी हें कमबख्त मोहब्बत ही हुई हें..

Tuesday, November 4, 2014

वक़्त तो लगेगा...

भुला देंगे उन्हें ज़रा सब्र तो कीजिये !
उनकी तरह बेवफा होने मे वक़्त तो लगेगा...!!!

Tuesday, October 28, 2014

मिजाज मेरे इयरफोन सा..

हर बार सुलझा कर रखता हूँ
फिर भी उलझी हुई मिलती है
ऐ जिंदगी तू ही बता जरा
तेरा मिजाज मेरे इयरफोन सा क्यूँ है..

Wednesday, October 22, 2014

सुकून-ए-ज़िंदगी

सबने ख़रीदा सोना
मैने इक सुई खरीद ली
सपनो को बुनने जितनी
डोरी ख़रीद ली
शौक-ए-ज़िन्दगी
कुछ कम किये
फ़िर सस्ते में ही
सुकून-ए-ज़िंदगी खरीद ली

Saturday, October 18, 2014

हसरत निकल जाए

अब दिल की तमन्ना है काश ऐसा ही हो...

आंसुओं  की जगह आँख से हसरत निकल जाए!!

Friday, October 17, 2014

हिचकियाँ भी आई या नहीं

कल रात भर जलते रहे हम दिए की लौ जैसे,
खुदा जाने उन्हें हिचकियाँ भी आई या नहीं

Wednesday, October 15, 2014

साफ़ सुथरी ज़िन्दगी

फिर से मुझे मिट्टी में खेलने दे ऐ जिन्दगी,
ये साफ़ सुथरी ज़िन्दगी, उस मिट्टी से ज्यादा गन्दी है

Saturday, October 11, 2014

चाल चलना

हम आज भी शतरंज का खेल अकेले खेलते है...

क्यूंकि "दोस्तों" के खिलाफ चाल चलना हमे नहीं आता.!

यादें हरी हैं

अतीत के पन्ने पलटकर देखता हूँ तो यक़ीन नहीं कर पाता..
स्याही का रंग उड़ चुका है, कागज़ पीला है और यादें हरी हैं..

Friday, October 10, 2014

यादों की कोई सरहद

तेरी यादों की कोई सरहद होती तो अच्छा होता;
खबर तो होती कि सफ़र कितना तय करना है।

Thursday, October 9, 2014

सादगी से तो बर्बाद

तेरी हालत से लगता हैं तेरा अपना था कोई...
वरना इतनी सादगी से तो बर्बाद कोई गैर करता नहीं.....

कितने झूठे हो गये है हम,
बचपन में अपनों से भी रोज रुठते थे,
आज दुश्मनों से भी मुस्करा के मिलते है!

समझदार हो गया...

टुकड़े पड़े थे राह  पे किसी हसीना के तस्वीर के...
लगता हे कोई दीवाना आज फिर से समझदार हो गया...

Tuesday, September 30, 2014

कि द़म निकल जाये

हर एक लहजा ये ही आरज़ू ये ही हसरत ,
जो आग़ दिल में है वो शायरी में भी ढ़ल जाये ....
अज़ीज़ इतना ही रक्खो के जी संभल जाये,
अब इस क़दर भी न चाहो कि द़म निकल जाये ....

दिल है किस के पास

माना की नहीं आता मुझे किसी का दिल जीतना
मगर ये तो बताओ यहाँ दिल है किस के पास...

तेरी ख्वाहिश

तेरी ख्वाहिश कर ली तो क्या गुनाह कर लिया

लोग तो इबादत में पूरी कायनात मांग लेते है..

Saturday, September 27, 2014

कुछ और जख्म

ए इश्क...मुझको कुछ और जख्म चाहियें...!!!
अब मेरी शायरी में वो बात नहीं रही...!!

Friday, September 26, 2014

तुझे अपना सोचकर

तू मिले या न मिले ये मेरे मुक़द्दर की बात है ,

सुकून बहुत मिलता है तुझे अपना सोचकर...!! 

Tuesday, September 23, 2014

वक़्त गुज़र जाता है...!!

वक़्त की एक आदत बहुत अच्छी है

जैसा भी हो

गुज़र जाता है...!!

Monday, September 22, 2014

दर्द की कोई इन्तहा

बहुत जुदा है औरो से मेरे दर्द की कहानी..
जख्म का कोई निशान नहीं और दर्द की कोई इन्तहा नहीं....

Saturday, September 20, 2014

वो तो आँखें थी

वो तो आँखें थी, जो सब सच बयां कर गयी ।
वरना लफ्ज होते, तो कब के मुकर गए होते.

Friday, September 19, 2014

“इश्क” मुकम्मल

फ़रिश्ते ही होंगे जिनका हुआ “इश्क” मुकम्मल,
इंसानों को तो हमने सिर्फ बर्बाद होते देखा है….!!

Tuesday, September 16, 2014

"वक्त"

एक वोह "वक्त " था जब हम सोचते थे कि हमारा
भी "वक्त " आएगा ...
और
एक यह भी "वक्त" है क़ि हम सोचते है कि वोह भी
क्या "वक्त" था..

Monday, September 15, 2014

तालियाँ बजती रहे

इस शिद्दत से निभा तु अपना किरदार,
कि परदा गिर जाए पर तालियाँ बजती रहे..!

सूखे पत्तों की तरह

सूखे पत्तों की तरह बिखरे थे हम,
किसी ने समेटा भी तो सिर्फ जलाने के लिए

Sunday, September 14, 2014

भीगी बारिश में

भीगी बारिश में हम दोनों ही बेबस थे..
वो ज़ुल्फ़ें ना सँभाल पाई और मैं खुद को..

Thursday, September 11, 2014

खामोश रिश्ते

जब हो थोड़ी फुरसत, तो अपने मन की बात हमसे कह लेना,
बहुत खामोश रिश्ते.... कभी जिंदा नहीं रहते..

Wednesday, September 10, 2014

हसीन इलज़ाम

तोहमतें तो लगती रहीं रोज़ नई नई हम पर....
मगर जो सब से हसीन इलज़ाम था वो तेरा नाम था..

Monday, September 8, 2014

बर्बाद करने के रास्ते

बर्बाद करने के और भी रास्ते थे फ़राज़

न जाने उन्हें मुहब्बत का ही ख्याल क्यूं आया

Thursday, September 4, 2014

परेशां था

आंसू भरी आँखे लिए घूरता रहा मुझे,
आईने में खड़ा वह शख्श परेशां बहुत था..

Sunday, August 31, 2014

मेरा दिल नंगे पैर..

तेरी यादें काँच का टुकड़ा - - -
मेरा दिल नंगे पैर..

बेवफ़ा कहाँ तक हैं

ना पूछ मेरे सब्र की इंतेहा कहाँ तक हैं,
तू सितम कर ले, तेरी हसरत जहाँ तक हैं,
वफ़ा की उम्मीद, जिन्हें होगी उन्हें होगी,
हमें तो देखना है, तू बेवफ़ा कहाँ तक हैं.

सांसों की मोहलतें

फ़ुर्सतें मिलें जब भी रंजिशें भुला देना .....
कौन जाने सांसों की मोहलतें कहाँ तक है....!!!!!

दिल लगा बैठे हो

क्या बात है
बडे चुपचाप से बैठे हो
कोई बात दिल पर लगी है
या दिल लगा बैठे हो...

दिल भर आता है

कमबख्त दिल भी कमाल करता है...
जब खाली-खाली होता है, भर आता है...

दुआ कबूल हो

तेरी ज़िन्दगी से चली जाऊ ये तेरी दुआ थी
और तेरी हर दुआ कबूल हो ये मेरी दुआ थी..

तुम्हे भूल जाना

अब तो अपने 'दिल 'से भी नाता तोड़ लिया हमने ...
'सिरफिरा' तुम्हे भूल जाने की हिदायत दे रहा था !!

Wednesday, August 27, 2014

बेवक्त बेवजह बेसबब बेरुखी

बेवक्त बेवजह बेसबब सी बेरुखी तेरी
और फिर भी तुझे बेइन्तहाँ चाहने की बेबसी मेरी...

Tuesday, August 19, 2014

हम याद तो आएँगे

उन लम्हों की यादें ज़रा संभाल के रखना जो हमने साथ बिताए थे,
क्योंकि हम याद तो आएँगे मगर लौट कर नहीं !

Monday, August 11, 2014

अकेले खुश रहते हो

मुस्कुराने की आदत भी कितनी महँगी पड़ी हमको ...
भुला दिया सब ने ये कह कर कि-
"तुम तो अकेले भी खुश रह लेते हो...!!!"

Sunday, August 10, 2014

जहर

बस कंठ ही हमारा नीला नही है

वरना जहर तो हमने भी कम नही पिया

अपने ही बहुत हैं

यह कह कर मेरा दुश्मन मुझे हँसते हुए छोड़ गया;
कि तेरे अपने ही बहुत हैं तुझे रुलाने के लिए।

Friday, August 8, 2014

हासिल नहीं होता

सब कुछ हासिल नहीं होता ज़िन्दगी में
यहाँ किसी का "काश" तो किसी का "अगर"छूट ही जाता है.

Thursday, August 7, 2014

मौत तक वफा...

​मोहब्बत की आजमाइश दे दे कर थक गया हूँ​ ​ऐ खुदा​;

किस्मत मेँ कोई ऐसा लिख दे, जो मौत तक वफा करे..

जीना पड़ा मुझे....

फिर उसने मुस्कुरा के देखा मेरी तरफ़

फिर एक ज़रा सी बात पर जीना पड़ा मुझे।

Thursday, July 31, 2014

नशीली निगाहें

अपनी इन नशीली निगाहों को  जरा झुका दिजिए जनाब,
मेरे मजहब में नशा हराम है..

Wednesday, July 30, 2014

यूं ही बेवजह...

गुज़र गया आज का दिन भी यूं ही बेवजह...
ना मुझे फुरसत मिली.., ना तुझे ख़्याल आया...

उनकी चालाकियां

उन्हे लगता है उनकी चालाकियां नजर नहीं आती हमें,
हम खामोशी से देखते है उन्हें अपनी नजरों से गीरते हुए...

Tuesday, July 29, 2014

अरमान बारिश की बूंदों से

कुछ अरमान उन बारिश की बूँद की तरह होते है,
जिनको छुने की ख्वाहिश में,
हथेलिया तो गिली होजाती,
पर हाथ हमेशा खाली रह जाते है....

अकेले रहने का सुकूं

अकेले रहने का भी एक अलग सुकून है,
ना किसी के वापस आने की उम्मीद,
ना किसी के छोड कर जाने का डर..!!

Saturday, July 26, 2014

रात गयी, बात गयी..

हमने गुज़रे हुए लम्हों का हवाला जो दिया,
हँस के कहने लगे वो, रात गयी, बात गयी..

एक जिन्दगी है गुजारनी

एक लम्हा है... जो तेरे बगैर गुजरता नहीं
और एक जिन्दगी है... जो तेरे बगैर गुजारनी है

Friday, July 25, 2014

पिलाने वाले

मैखाने लाख बन्द करे जमाने वाले,
शहर में कम नहीं नजरो से पिलाने वाले...

अपनी गलती

दुनिया में सब चीज मिल   जाती है,....

केवल अपनी गलती नहीं   मिलती.....

Trust

Trust starts with truth and ends with truth...

Thursday, July 24, 2014

ये बारिशें भी तुम सी हैं..!

कभी शोख़ हैं कभी गुम सी हैं,
ये बारिशें भी तुम सी हैं..!

चर्चे मेरी हार के

इतना भी गुमान न कर अपनी जीत पर "ए बेखबर"
शहर में तेरी जीत से ज़्यादा चर्चे तो मेरी हार के है.

बारीकि से तोड़ा है

बड़ी बारीकि से तोड़ा है उसने दिल का हर कोना..
मुझे तो सच कहु उसके हुनर पर नाज होता है..

पैसा कमा कर

क्या करोगे इतना पैसा कमा कर दोस्तों ना कफन मे जेब है..
ना कब्र मे अलमारी.. और ये मौत के फ़रिश्ते तो रिश्वत भी नही लेते..!

शिद्दत से ना पढ

मेरे शब्दो को इतनी शिद्दत से ना पढा करो,
कुछ याद रह गया तो हमे भूल नही पाओगे..

मंजिल भी मिलेगी

रख हौंसला वो मंज़र भी आयेगा;
प्यासे के पास चलकर समंदर भी आयेगा;
थक करना बैठ ए मंजिल के मुसाफ़िर;
मंजिल भी मिलेगी और जीने का मजा भी आयेगा।

Saturday, July 19, 2014

ये प्यास

गिरा दे जितना पानी है, तेरे पास ऐ बादल.. 
ये प्यास किसी के मिलने से बुझेगी, तेरे बरसने से नही..!!

Friday, July 18, 2014

भुला देंगे तुझे

भुला देंगे तुझे भी ज़रा सब्र तो कर
रग रग में बसे हो थोडा वक़्त तो लगेगा

Tuesday, July 15, 2014

जिन्हें गुस्सा आता है

जिन्हें गुस्सा आता है वो लोग सच्चे होते हैं ,
मैंने झूठों को अक्सर मुस्कुराते हुए देखा है …… !!!

Monday, July 14, 2014

सुकून-ए-ज़िंदगी खरीद ली !

रुई का गद्दा बेच कर, 
मैंने इक दरी खरीद ली।
ख्वाहिशों को कुछ कम किया मैंने, 
और ख़ुशी खरीद ली ।
.
सबने ख़रीदा सोना, 
मैने इक सुई खरीद ली,
सपनो को बुनने जितनी, 
डोरी ख़रीद ली ।
.
मेरी एक खवाहिश मुझसे, 
मेरे दोस्त ने खरीद ली,
फिर उसकी हंसी से मैंने 
अपनी कुछ और ख़ुशी खरीद ली ।
.
इस ज़माने से सौदा कर, 
एक ज़िन्दगी खरीद ली,
दिनों को बेचा और, 
शामें खरीद ली।

शौक-ए-ज़िन्दगी कमतर से,
और कुछ कम किये, 
फ़िर सस्ते में ही,
सुकून-ए-ज़िंदगी खरीद ली !

Sunday, July 13, 2014

हार के चर्चे

इतना भी गुमां न कर अपनी जीत पर ए बेखबर,

शहर में तेरी जीत से ज्यादा चर्चे तो मेरी हार के है।।

Wednesday, July 9, 2014

जीने का मजा

रख हौंसला वो मंज़र भी आयेगा;
प्यासे के पास चलकर समंदर भी आयेगा;
थक कर ना बैठ अए मंजिल के मुसाफ़िर;
मंजिल भी मिलेगी और जीने का मजा भी आयेगा।

मेरे सारे गुनाह

याद है मुझे मेरे सारे गुनाह,
एक मोहब्बत कर ली,
दूसरा तुमसे कर ली,
तीसरा बेपनह कर ली।

फिक्र तेरी

फिक्र तो तेरी आज भी करते है,

बस ज़िक्र करने का हक़ ना रहा।

Tuesday, July 8, 2014

इफ्तारी

उसने इतनी नजाकत से मेरे होठों को छुआ ,
कि रोजा भी न टूटा और इफ्तारी भी हो गई .....

Saturday, July 5, 2014

बेवफाई

तुम बदले तो मजबूरीयां थी बहुत...
हम बदले तो बेवफाई हो गयी...

Friday, July 4, 2014

मज़ा भी आएगा

रख हौंसला वो मंज़र भी आएगा;
प्यासे के पास चल के समंदर भी आएगा;
थक कर न बैठ मंज़िल के मुसाफिर;
मंज़िल भी मिलेगी और मिलने का मज़ा भी आएगा।

क़ातिल नहीं मिलते.

'जान जब प्यारी थी, तब दुश्मन हज़ारों थे..
अब मरने का शौक है, तो क़ातिल नहीं मिलते..

Patience

Patience is not the ability to wait, but to keep a good attitude while waiting.

Broken hearts

At childhood we always wanted to grow big, but now we realise that broken pencils & unfilled homework was better than broken hearts & bitter tears.

Thursday, July 3, 2014

बचपन की अमीरी

बचपन की वोह अमीरी न जाने कहाँ खो गई

वरना बारिश के पानी में हमारे कई जहाज चला करते थे ।

सब किरायेदार हैं घर बदलते

ये दबदबा, ये हुकूमत, ये नशा, ये दौलतें...
सब किरायेदार हैं घर बदलते रहते हैं !!

Wednesday, July 2, 2014

दीवारो के कान

वो दुआऐ काश मैने दीवारो से मांगी होती...
ऐ खुदा..
सुना है कि उनके तो कान होते है...

Tuesday, July 1, 2014

हिचकियाँ

आज जा कर के उसने, सच में भुलाया है मुझे

वरना ये हिचकियाँ , पानी से तो नहीं जाती थीं !!



मुसाफ़िर बना

सोचा था घर बना कर बैठुंगा सुकून से..
पर घर की ज़रूरतों ने मुसाफ़िर बना डाला !!!

खूबियाँ

अगर यूँ ही कमियाँ निकालते रहे आप..
तो एक दिन सिर्फ खूबियाँ रह जाएँगी मुझमें...!

Monday, June 30, 2014

नज़रों से गिरते हुए...

उन्हें लगता है उनकी चालाकियां हमें समझ
नहीं आती....
हम बड़े आराम से देखते हैं उन्हें अपनी नज़रों से गिरते हुए...

इश्क को तुम्हारा पता

एक तुम भी ना कितनी जल्दी सो जाते हो...
लगता है इश्क को तुम्हारा पता देना पड़ेगा!!!

हिचकियाँ

आज जा कर के उसने, सच में भुलाया है मुझे

वरना ये हिचकियाँ ,पानी से तो नहीं जाती थीं !!

Wednesday, June 25, 2014

वो ज़हर कहाँ

साँपों के मुकद्दर में, वो ज़हर कहाँ ।
जो इंसान आजकल सिर्फ ,बातों में ही उगल
देता है ।

Tuesday, June 24, 2014

हमने मुहब्बत की है

वो अल्फ़ाज़ ही क्या,
जो समझानें पडे
हमने मुहब्बत की है,
कोई वकालत नहीं ….!!

हिसाब  जख़मो  का...!!!!!

हमने  उतार  दिए  अब  सारे क़र्ज़  तेरी  मुहब्बत  के...
अब हिसाब  होगा  तो  सिर्फ  तेरे दिए  हुए  जख़मो  का...!!!!!

चाहत मारेगी...!!

हाथ की लकीरें पढने वाले ने तो, मेरे होश ही उड़ा दिये..!
मेरा हाथ देख कर बोला...
"तुझे मौत नहीं किसी की चाहत मारेगी...!!

Friday, June 20, 2014

भीड़ क्यों है

'हर एक इंसान हवा में उड़ता फिरता है,
फिर ना जाने जमीन पर इतनी भीड़ क्यों है.

कल फिर

लो गुज़र गया यह दिन भी,
अपनी तमाम रौनके ले कर...

...गर ज़िन्दगी ने वफ़ा की;
तो कल फिर सिलसिले होंगे!

रग रग से वाकिफ

दिल से बाहर निकलने का रास्ता तक ना ढूंढ सकी वो,

दावा करती थी जो मेरी रग रग से वाकिफ होने का...l

Thursday, June 19, 2014

पेशे से मुज़रिम नहीं

उससे कह दो कि मेरी सज़ा कुछ कम कर दे,

हम पेशे से मुज़रिम नहीं हैं बस गलती से इश्क हुआ था

वादों से मुकर जाना

सिखा दो मुझे भी वादों से मुकर जाना,

बहुत थक गया हु निभाते - निभाते

सीने से लग कर

शहर जालिमों का है संभल कर चलना,

लोग सीने से लग कर दिल ही निकाल लेते हैं !!

गमों का इलाज

तुझे याद कर लूं तो मिल जाता है सुकून दिल को,

मेरे गमों का इलाज भी कितना सस्ता है !

समझौता

संघर्षो में यदि कटता है तो कट जाए सारा जीवन..!!

कदम-कदम पर समझौता मेरे बस की बात नहीं....!!!!

जब हंस कर उठते थे

एक सवेरा था जब हँस कर उठते थे हम
और आज कई बार बिना मुस्कुराये ही शाम हो जाती है..

शौक

शौक तो माँ-बाप के पैसो से पूरे होते हैं,
अपने पैसो से तो बस ज़रूरतें ही पूरी हो पाती हैं..

मेरे अंदाज़

जल जाते हैं मेरे अंदाज़ से मेरे दुश्मन क्यूंकि 
एक मुद्दत से मैंने न मोहब्बत बदली और न दोस्त बदले .!!.

थोड़े से कामयाब हो जाओ

दुश्मन बनाने के लिए जरुरी नहीं के युद्ध ही लड़ा जाए ,

थोड़े से कामयाब हो जाओ वो खैरात में मिलेंगे !!

दुआ मांगी

मैंने खुदा से एक दुआ मांगी, दुआ में अपनी मौत मांगी,
खुदा ने कहा, मौत तो तुझे दे दूँ,  पर उसका क्या,
जिसने हर दुआ में तेरी ज़िन्दगी मांगी..

मेरे दर्द

ना कर तू कोशिशें मेरे दर्द को समझने की,
तू पहले इश्क कर,फिर चोट खाफिर लिख दवा मेरे दर्द की l

कुछ तो बदला है

कुछ तो बदला है ज़माने की रुसवाइयों ने।
मै लिखता कुछ और हूँ वो समझते कुछ और है।।

सोच कर तो साजिश की जाती हैं

वो कहते हैं सोच लेना था मुहब्बत करने से पहले।

अब उनको कौन समझाए सोच कर तो साजिश की जाती हैं मुहब्बत नहीं। 

न छोड़ो वफ़ा का दामन

ज़रा सी रंजिश पे न छोड़ो वफ़ा का दामन


उमरें बीत जाती हैं दिल का रिश्ता बनने में ..

'शौक' बदलता हूँ मोहब्बत" नही

मै "वक्त" और "हालात" के साथ 'शौकबदलता हूँ...!!!
"दोस्त" और "मोहब्बत" नही....

कोई चाल तो चल

तू मोहब्बत से..... कोई चाल तो चल,

हार जाने का .....हौसला है ....मुझमें

दर्द बताये तो शायर

दुनिया वाले भी बड़े अजीब है
कभी हमसे दूर तो कभी करीब है

दर्द ना बताये तो कायर कहते है
और दर्द बताये तो शायर कहते है...

सलीका इश्क़ का

माना कि मुझे सलीका नहीं इश्क़ का,
तूने भी तो हर बार इशारे नहीं समझे...!!

'मशरूफ़ रहने का अंदाज़

'मशरूफ़ रहने का अंदाज़ तुझे तन्हा ना कर दे ...


रिश्तें फुर्सत के नही तवज्जो के मोहताज़ होते है'

तेरी मुहब्बत

तेरी मुहब्बत भी किराये के घर की तरह थी...

कितना भी सजाया पर मेरी नहीं हुई...

बेवजाह मिलना..

कभी मिल सको तो बेवजाह मिलना.. 
जह से मिलने वाले तो ना जाने हर रोज़ कितने मिलते है..

उम्र की पूँजी

लौटने में कम पड़ेगी उम्र की पूँजी हमें,

आप तक आने ही में हमको ज़माने लग गए..

दूरियां

माना की दूरियां कुछ बढ़ सी गयीं हैं लेकिन

तेरे हिस्से का वक़्त आज भी तनहा गुजरता है...

दौलत

दो चार लोगों से अच्छे रिश्ते बनाये रखिये...!!

कब्र तक लाश को दौलत नहीं ले जाया करती ..!!

कभी ख्वाहिश नहीं होती

भरे बाज़ार से अक्सर मैं खाली हाथ आता हूँ,

कभी ख्वाहिश नहीं होती कभी पैसे नहीं होते..!!

आजाद परिंदे

आजाद कर दिया हमने उस परिंदे को ऐ दोस्तों,


जो हमारी दिल की कैद मे रहने को अपनी तौहीन समझता था....

हम 'दिल' में आते हैं

बस 'जान' जाओ मुझेयही 'पहचान' है मेरी...

हम 'दिल' में आते हैं, 'समझ' में नहीं..

माचिस

माचिस की ज़रूरत यहाँ नहीं पड़ती...
यहाँ आदमी आदमी से जलता है...!!

गुलाब

मेरी महोब्बत की बस इतनी कहानी है,
एक टूटी हुई कश्ती और सूखा हुआ पानी है,
एक गुलाब उनकी किताब में दम तोड़ चुका,

और उनको याद ही नहीं कि यह किसकी निशानी है।

Friday, May 30, 2014

गलतफहमियां

हम चुप रहे और गलतफहमियां बढती गयी

उसने वो भी सुना जो हमने कभी कहा ही नहीं..

Thursday, May 29, 2014

दस्तक

मुद्दतों बाद ये दस्तक कैसी,

जरूर कोई मतलबी होगा।

Wednesday, May 28, 2014

उम्र लम्बी है

दुश्मनों के खेमे में चल रही थी मेरे क़त्ल की साज़िश

मैं पहुँची तो वो बोले "यार तेरी उम्र लम्बी है "

-प्रज्ञा महेता

Monday, May 26, 2014

दर्द

ढूंढ ही लेता है मुझे किसी न किसी बहाने से,

दर्द वाकिफ हो गया है मेरे हर ठिकाने से।

Sunday, May 25, 2014

कमबख्त दिल

कमबख्त इस दिल को हारने की आदत हो गयी है!

वरना हमने जहाँ भी दिमाग लगाया फ़तेह ही पाई है!!

Saturday, May 24, 2014

नफ़रत

तुम्हारी नफ़रत पर भी लुटा दी ज़िन्दगी हमने ,

सोचो मुहब्बत करते तो हम क्या करते ...

रंजिशें

फ़ुर्सतें मिले जब भी, रंजिशें भुला देना, 

कौन जाने, सांसों की मोहलतें कहाँ तक है..

Monday, May 19, 2014

ऐ बुरे वक्त

ऐ बुरे वक्त जरा अदब से पेश आ,

क्यूंकि वक्त नहीं लगता वक्त बदलने में...

Thursday, May 15, 2014

ज़िन्दगी

ज़िन्दगी रही तो करते रहेंगे याद तुम्हे,

भूल जाए तो समझना खुदा ने याद कर लिया...

बेवफाई

मुझे गम नहीं तेरी बेवफाई का

मैं परेशां अपनी वफ़ा से हूँ ...

Wednesday, May 7, 2014

ज़िन्दगी इम्तेहान लेती है

सुना है ज़िन्दगी इम्तेहान लेती है फराज,

पर यहाँ तो इम्तेहनों ने ज़िन्दगी लेली !!

अंजाम बुरा होता है.

हम तो आगाज ऐ मोहब्बत में ही लुट गए फराज,

और लोग कहते है अंजाम बुरा होता है.!!

शौक ऐ मुहब्बत

अजीब लोग बसते है तेरे शहर में मोहसिन,

शौक ऐ मुहब्बत भी रखते है और याद भी नहीं किया करते !!

गुज़र गया है ज़माना

फिर आज अश्क से आँखों में क्यों है आये हुए ,

गुज़र गया है ज़माना तुझे भुलाये हुए !

उम्र भर नहीं आया

तमाम उम्र उसी के इंतज़ार में गुजारी फराज,

मेरा ख्याल जिसे उम्र भर नहीं आया !!

शौक-ऐ-सफ़र

है शौक-ऐ-सफ़र ऐसा के एक मुद्दत से हमने 

मंजिल भी नहीं पायी, और रास्ता भी नहीं बदला!!

उन्हें गुरूर आ गया


कसूर नहीं इस में कुछ भी उनका फ़राज़,

हमारी चाहत ही इतनी थी के उन्हें गुरूर आ गया !!

Thursday, April 24, 2014

भूल जाना

भूल जाना जिसे आजतक ,नामुमकिन समझे बैठे थे हम 

वो शख्स आज मिला भी तो ,हमें पहचाना ही नहीं उस ने

मधु गजाधर

Wednesday, April 16, 2014

आज वो काबिल हुए

आज वो काबिल हुए,
जो कभी काबिल ना थे...

और
मंज़िलें उनको मिली,
जो दौड़ में शामिल ना थे...!!!
अमीर तो हम भी थे दोस्तों,
बस दौलत सिर्फ दिल की थी...
खर्च तो बहुत किया,
पर गिनती सिर्फ सिक्कों की हुई..

Tuesday, April 15, 2014

ये जो मेरे क़ब्र पे रोते है.......

ये जो मेरे क़ब्र पे रोते है.......

अभी उठ जाऊँ ..तो जीने ना दे.............,

बहुत महंगी पड़ेगी तुझे दुश्मनी मेरी

हमारा दुश्मन हमसे बोला
"बहुत महंगी पड़ेगी तुझे दुश्मनी मेरी"
हमने उसको उत्तर ये दिया कि
"सस्ती चीज हम कभी खरीदते ही नहीं"

मेरे लफ्जों को समझो

ख्वाहिश बस इतनी सी है की तुम मेरे लफ्जों को समझो,
आरजू ये नहीं की लोग वाह वाह करे..

किश्तो में ख़ुदकुशी का मज़ा

एक पल में एक सदी का मज़ा हमसे पूछिए ...
दो दिन की ज़िन्दगी का मज़ा हमसे पूछिए...
भूले है रफ़्ता-रफ़्ता उन्हे मुद्दतो में हम...
किश्तो में ख़ुदकुशी का मज़ा हमसे पूछिए

Sunday, March 23, 2014

वफा के वादे

हर कोई तेरे आशियाने का पता पूछता है, 

न जाने किस किस से वफा के वादे किये हैं तूने..!!

Wednesday, March 5, 2014

तेरे दिल में नहीं तो कहीं भी नहीं

मुझे ना ढूंढ ज़मीन-ओ-आसमां की गर्दिशों में, 

मैं अगर तेरे दिल में नहीं तो कहीं भी नहीं..!!

Saturday, March 1, 2014

ज़िन्दगी

ज़िन्दगी एक चाहत का सिलसिला है,

कोई मिल जाता है कोई बिछड़ जाता है,

जिसे माँगते है अपनी दुआओं में,

वो किसी और को बिना मांगे मिल जाता है ...


बारिशों से दोस्ती

इन बारिशों से दोस्ती अच्छी नहीं फ़राज़,

कच्चा तेरा मकान है, कुछ तो ख्याल कर...

फैसला

मुझको रुकना था उसे जाना था अगले मोड़ तक, 

फैसला ये उसके मेरे दरमियाँ होना ही था ...

Wednesday, February 26, 2014

वोह अल्फ़ाज़ ही क्या

वोह अल्फ़ाज़ ही क्या, जो समझानें पडे

हमने मुहब्बत की है, कोई वकालत नहीं ....!!

Thursday, February 20, 2014

कुछ इस तरह से आओ..

कुछ इस तरह से आओ मेरे हाथों की लकीरों में, 

मुझे ऐसा लगे कि मेरी तकदीर बदलने वाली है..!!

Tuesday, January 7, 2014

जिदगी मेरी हसरतों के सिवा

जिदगी मेरी हसरतों के सिवा कुछ नहीं,

ये किया नहीं, वो हुआ नहीं, ये मिला नहीं, वो रहा नहीं..

Sunday, January 5, 2014

अपनी मर्ज़ी से

अपनी मर्ज़ी से भी दो चार दिन चलने दे ए ज़िंदगी, 

तेरी मर्ज़ी से तो बरसों चले हैं....

Saturday, January 4, 2014

Love

If you love two people at the same time, choose the second. Because if you really loved the first one, you wouldn't have fallen for the second.