Saturday, July 30, 2016

ग़म

मेरे जीने के लिए एक आसरा दरकार था
आप ग़म देते गए मेरी गुज़र होती गयी

बारिश

सुना है बहुत बारिश है तुम्हारे शहर में,
ज़्यादा भीगना मत ,
अगर धुल गयी सारी ग़लतफ़हमियाँ, तो  बहुत याद आएँगे हम...

Friday, July 29, 2016

फिक्र

फ़िक्र तो तेरी आज भी है

बस जिक्र का हक नही रहा

Tuesday, July 26, 2016

दिदार

लाज़िमी नहीं की तुझे आँखों से ही देखूँ;
तुजे सोचना भी तेरे दिदार से कम नहीं...

Tuesday, July 19, 2016

इस्तेमाल

हर शख्स ने अपने अपने तरीके से इस्तेमाल किया,
और हम समझते रहे लोग हमें पसंद करते है..

Friday, July 15, 2016

यादें

बस जीने ही तो नहीं देंगी,
और क्या कर लेंगी  यादें तुम्हारी..

Tuesday, July 12, 2016

Common sense

Common sense is like deodorant ..people who really needs it never use it.

मंज़िल

सीढ़ियाँ उन्हे मुबाराक जिन्हें छत पर जाना हो,
मेरी मंज़िल तो आसमाँ है..मुझे रास्ता खुद बनाना है॥

Monday, July 11, 2016

कच्चे मकान

सहम उठते हैं कच्चे मकान, पानी के खौफ़ से,
उधर महलों की आरज़ू ये है कि, बरसात और तेज हो!!