Wednesday, April 29, 2015

मनमानियाँ

इतनी मनमानियाँ भी अच्छी नहीं होती...!
तुम सिर्फ अपने ही नहीं, मेरे भी हो...!!

Friday, April 24, 2015

मोहब्बत में बरबाद

कुछ लोग पसंद करने लगे हैं अल्फाज मेरे , मतलब मोहब्बत में बरबाद और भी हुए हैं।

Thursday, April 23, 2015

ख्वाब

बस दो ही मसले जिन्दगी भर हल न हुए,
नींद पूरी न हुई, ख्वाब मुकम्मल न हुए...!

ना तुझे ख़्याल आया…

गुज़र गया आज का दिन भी यूं ही बेवजह…
ना मुझे फुरसत मिली, ना तुझे ख़्याल आया…!!!

Wednesday, April 15, 2015

बेक़सूर

बेकसूर कोई नहीं इस ज़माने मे,
बस सबके गुनाह पता नहीं चलते ..

Tuesday, April 14, 2015

ख्वाहिशों को जेब में

ख्वाहिशों को जेब में रखकर निकला कीजिये,
जनाब; खर्चा बहुत होता है, मंजिलों को पाने में!

फुर्सत

फुर्सत मिले तो कभी बैठ कर सोचना..
तुम भी मेरे अपने हो, या सिर्फ हम ही तुम्हारे हैं..!!

शामों की तरह

तू दिन सी है और मैं रात सा,
आओं ना मिल जाये शामों की तरह..

वक़्त गुज़ार दिया

उन्होंने वक़्त समझकर
गुज़ार दिया हमको

और हम उनको ज़िन्दगी समझकर
आज भी जी रहे हैं

Thursday, April 9, 2015

Praise

Praise a Person as much as you Like, But limit your words while Criticising,
Because..Criticism is one loan that Everyone is dying to Return with Huge Interest....

Wednesday, April 1, 2015

लोग आप से तुम तक तुम से जान तक फिर जान से अनजान तक हो जाते है...

खुद से मिलने

आज खुद से मिलने का मन है । बहुत सुना है लोगो से अपने बारे में ॥