Sunday, December 18, 2016

आजमाइश

मुझे आजमाने वाले, हर शख्स तेरा शुक्रिया,
मेरी काबिलियत निखरी है, तेरी हर आजमाइश के बाद।।

Saturday, December 10, 2016

ख़ामोशी

मैं ख़ामोशी तेरे मन की तू अनकहा अल्फ़ाज़ मेरा..

मैं एक उलझा लम्हा हूँ तू रूठा सा हालात मेरा..

Monday, December 5, 2016

शहर तो और भी बहुत...

लगा कर आग शहर को
बादशाह ने ये कहा,
उठा है दिल में आज
तमाशे का शौक़ बहुत...

झुका के सर
शाहपरस्त सब बोल उठे,
हुज़ूर का शौक सलामत रहे
शहर तो और भी बहुत...

रास्ता

सीढ़िया उन्हे मुबारक हो... जिन्हे छत तक जाना है,
मेरी मन्जिल तो आसमान है... रास्ता मुझे खुद बनाना है.. !!!

Sunday, December 4, 2016

खुदकुशी

भूले हैं रफ्ता-रफ्ता उन्हें मुद्दतों में हम,
क़िश्तों में खुदकुशी का मज़ा हम से पूछिए !!