Friday, January 26, 2018

बेनकाब

बख्शे हम भी न गए बख्शे तुम भी न जाओगे,
वक्त जानता है हर चेहरे को बेनकाब करना।

Saturday, January 20, 2018

वक्त

वक्त को भी हुआ है जरुर किसी से इश्क,
जो वो बेचैन है इतना कि ठहरता ही नहीं...

Saturday, January 13, 2018

हवा

डोर, चरखी, पतंग सब कुछ था;
बस उसके घर की तरफ़ हवा न चली....