Saturday, April 9, 2011

ज़िन्दगी की कश्मकश

 ये वो दौर है यारों ...
जहाँ गरीब को मरने की जल्दी इसलिए भी है कि...
कहीं ज़िन्दगी की कश्मकश में कफ़न महंगा न हो जाए.

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