Sunday, April 1, 2012

जिंदगी

आज कल हर शख्स मुझे जिंदगी कैसे जीएं ये सिखाता है...
उन्हें कौन समझाए ""कुछ ख्वाब अधूरे हैं मेरे, वरना...मुझसे बेहतर जीना किसे आता है...?"

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