Thursday, March 28, 2013

भ्रम..

सुनो ! तुम हम को हमारे इस 'भरम' में ही जीने दो ना ,
अच्छा लगता है ये सोच कर जीना कि "तुम सिर्फ हमारे हो" ......मधु गजाधर

No comments:

Post a Comment