Thursday, March 5, 2015

मीरा दिवानी बने...

आओ ले चलें इश्क को वहाँ तक,जहाँ फिर से कोई कहानी बने,
जहाँ फिर कोई गालिब नज्म़ पढे ,फिर कोई मीरा दिवानी बने...

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