Monday, March 27, 2017

उम्र का तकाज़ा

आज दिल कर रहा था, बच्चों की तरह रूठ ही जाऊँ,पर.

फिर सोचा, उम्र का तकाज़ा है, मनायेगा कौन..

No comments:

Post a Comment