रख हौंसला वो मंज़र भी आयेगा;
प्यासे के पास चलकर समंदर भी आयेगा;
थक करना बैठ ए मंजिल के मुसाफ़िर;
मंजिल भी मिलेगी और जीने का मजा भी आयेगा।
प्यासे के पास चलकर समंदर भी आयेगा;
थक करना बैठ ए मंजिल के मुसाफ़िर;
मंजिल भी मिलेगी और जीने का मजा भी आयेगा।
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